योग की किताबें भी जुड़ेंगी ई-पाठशाला में

नई दिल्ली। योग की किताबों को जल्द ही एनसीईआरटी की ओर से शुरू की गई ई-पाठशाला का हिस्सा बना दिया जाएगा। स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस की किताबों (books)को पहले ही डिजीटल किया जा चुका है। इसके साथ ही 6 से लेकर 10वीं कक्षाओं मे पढने वाले स्टूडेट के लिए जो योग की किताबें हिन्दी और अंग्रेजी मे उपलबध है, उन्हें उर्दू भाषा मे भी प्रकाशित किया जा चुका है। 11 और 12वीं कक्षाओं के लिए भी योग की किताबें छापने का काम तेजी से चल रहा है। मकसद है हर वर्ग के लोगो तक योग को पहुंचाना, उनकी जीवन शैली मे शामिल करना। इसकी शुरूआत स्कूली स्तर पर बच्चों से की जा चुकी है। एनसीईआरटी की ओर से पहली बार आयोजित नेशनल योग (yoga)ओलंपियाड के उद्घाटन समारोह में मानव संसाधन मंत्रालय मे शिक्षा सचिव सुभाष कुंठिया ने ये तमाम जानकारी देते हुए इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ रहने, अनुशासित रहने के लिए योग बहुत बढ़िया है और एक बार बच्चों को इसे करने की आदत डाल दी जाए तो उनकी जीवनशैली मे सुधार से वे कई बीमारियो से दूर रहेंगे। मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से पिछले साल स्कूलों मे योग को बढ़ावा देने के लिए नेशनल योग ओलंपियाड करवाने की घोषणा की गई थी। इसी कड़ी मे इस तीन दिवसीय समारोह का आयोजन रखा गया है। एनसीईआरटी के सचिव श्रीधर ने बताया कि इस ओलंपियाड मे भाग लेने के लिए 22 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने हामी भरी थी लेकिन टीमें केवल 18 राज्यों से ही पहुंची हैं। वैसे धयान देने वाली बात यह भी है कि ज्यादातर गैरबीजेपी राज्यों की टीमें इस ओलंपियाड मे नही पहुंची है जिसमे बिहार, तेलंगाना, नागालैंड, मिजोरम का नाम प्रमुखता पर है लेकिन एनसीईआरटी के अधिकारी इसको राजनीति से दूर मानते है।

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