पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की किताब पर पोप फ्रांसिस की प्रस्तावना
ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें की 6 भाषाओं में प्रकाशित होने वाली किताब (books) ‘इनसेनियारे ए इमपारारे लमोरे दी दीयो’ (ईश्वर के प्रेम की शिक्षा देना एवं सीखना) के प्रथम खंड की प्रस्तावना संत पापा फ्रांसिस ने लिखी। प्रस्तावना में उन्होंने लिखा, जितनी बार मैंने संत पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की किताबों को पढ़ा है मुझे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने ईशशास्त्र को अपने घुटने पर पूरा किया है और कर रहे हैं। एक महान ईशशास्त्री एवं विश्वास के शिक्षक होने से पूर्व वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सच्चाई से विश्वास करते हैं, जो सचमुच प्रार्थना करते हैं तथा हम देख सकते हैं कि वे पवित्रता का आलिंगन करने वाले व्यक्ति हैं। किताब में 43 प्रवचनों को संकलित किया गया है जिसमें पहला प्रवचन 1954 ई. में पुरोहित के रूप में उनके प्रथम ख्रिस्तयाग से लिया गया है। संकलन का समापन पुरोहितों को सम्बोधित एक पत्र से किया गया है जिसको उन्होंने पुरोहितों को समर्पित वर्ष में प्रेषित किया था। इस नये किताब का विमोचन पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के पुरोहिताभिषेक की 65 वीं जयंती के अवसर पर किया जाएगा। उनका पुरोहिताभिषेक 29 जून 1951 ई. में फ्रेइसिंग के महागिरजाघर में हुआ था। संकलन चयनित लेखन की एक श्रृंखला का प्रथम खंड है जिसके अंदर विज्ञान एवं विश्वास, यूरोप, नाबालिग, राजनीतिक, विश्वविद्यालय तथा यूखरिस्त आदि विषयों पर चर्चाएं की गई हैं। प्रकाशन के बाद यह किताब किसी भी आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) पर उपलब्ध होगी।
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