डी सुब्बाराव की किताब का हुआ विमोचन
आरबीआइ के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव की किताब ‘हू मूव्ड माय इंटरेस्ट रेट्स- लीडिंग द रिजर्व बैंक आफ इंडिया थ्रू फाइव टब्यूर्लेंट इयर्स’ इसी महीने आई है। पेंग्विन रैंडम हाउस से प्रकाशित 352 पृष्ठ की किताब के परिचय में चिदंबरम ने लिखा- इसमें आरबीआई प्रमुख के तौर पर विद्वान डाक्टर सुब्बाराव का सूक्ष्म और ईमानदार कथ्य है। उनकी बौद्धिक निष्ठा इस किताब के हर पन्ने पर निखरकर आती है। यह पूछने पर कि मुखर्जी की ओर से ऐसा समर्थन क्यों नहीं आया, सुब्बाराव ने कहा कि वर्तमान राष्ट्रपति से लिखने को नहीं कहा गया था। सुब्बाराव से जब यह पूछा गया है कि उन्होंने किताब में एचआर खान के दूसरे कार्यकाल का जिक्र क्यों नहीं किया, उन्होंने कहा कि कुछ डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति में सरकार ने मेरी सिफारिशों को जरूर टाला लेकिन खान को उनके कार्यकाल के फौरन बाद फिर से नियुक्त कर दिया उन्होंने किताब में कहा है- यह बेहद अनुचित और अविवेकी कृत्य था। मुझे भरोसा है कि वित्त मंत्री के मन में कोई दुर्भावना नहीं थी न ही वह आरबीआई के क्षेत्राधिकार का अनादर करना चाहते थे। मुझे लगता है कि उन्होंने सिर्फ भोलेपन में और कंपनीजगत को ऐसे हालात में कुछ अच्छी खबर देने की अतिउत्सुकता में ऐसा कर दिया होगा ताकि उसका कुछ श्रेय उन्हें भी मिल जाए क्यों कि उस समय सरकार की कानों कान आलोचना हो रही थी कि वह नीतिगत निर्णयों के मामले में पंगु हो चली है। विमोचन के बाद यह किताब सभी आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) पर उपलब्ध है।
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