किताब में दावा- राजीव गांधी सरकार में दखल देते थे अमिताभ बच्चन!
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की गांधी परिवार से नजदीकियां जगजाहिर हैं। अमिताभ बच्चन देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी मित्र रहे हैं। बच्चन परिवार की गांधी-नेहरू परिवार से काफी लंबे समय तक नजदीकियां रही हैं। इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन राजनीति में आए थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। जाने-माने पत्रकार रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘नेता अभिनेता : बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी की नजदीकियों पर काफी कुछ लिखा है। रशीद किदवई ने अपनी किताब में कांग्रेस नेता एमएल फोतेदार का हवाला देते हुए अमिताभ बच्चन पर राजीव गांधी सरकार में नियुक्तियों और ट्रांसफर में दखलअंदाजी करने की बात भी कही है। रशीद किदवई ने किताब में लिखा है, ‘एमएल फोतेदार के अनुसार 1984 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमिताभ बच्चन कांग्रेस में काफी मजबूत हो गए थे। मंत्रालय के अधिकारियों की नियुक्तियों और ट्रांसफर में अमिताभ बच्चन की दखलअंदाजी की खबरें राजीव गांधी तक पहुंच रही थी। पार्टी के कई नेता राजीव गांधी से अमिताभ बच्चन की शिकायत कर रहे थे।’ उनकी किताब के अनुसार राजीव गांधी खुद अमिताभ बच्चन का इस्तीफा चाहते थे। हालांकि अमिताभ बच्चन ने 1987 में बोफोर्स घोटाले में नाम आने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद बच्चन कभी सक्रिय राजनीति में नहीं आए। रशीद किदवई ने अपनी किताब में लिखा है कि राजीव गांधी की हत्या के एक साल बाद अमिताभ बच्चन से सोनिया गांधी की राजनीति में मदद करने के लिए सवाल पूछा गया था। रशीद किदवई लिखते हैं, ‘अमिताभ बच्चन से पूछा गया था क्या वह सोनिया गांधी की मदद करने के लिए राजनीति में आएंगे?’ इस पर अमिताभ बच्चन ने कहा था कि मेरे राजनीति में आने से सोनिया गांधी परिवार की मदद कैसे होगी ? सोनिया गांधी खुद बहुत मजबूत और समझदार महिला हैं। इसके बाद अमिताभ बच्चन ने सोनिया गांधी को फैसले लेने में सक्षम महिला भी बताया था।
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