अब बड़े पर्दे पर दिखेगी मंटो की कहानी

नई दिल्ली। उर्दू के महान अफ़साना निगार सआदत हसन मंटो (Saadat Hasan Manto) के जीवन पर पांच करोड़ रुपए की लागत से एक फीचर फिल्म बनने जा रही है। भारत में मंटो पर बनने वाली यह पहली फीचर फिल्म है। गत वर्ष पाकिस्तान में मंटो पर एक ड्रामा फिल्म बनी थी। ग़ालिब के बाद मंटो उर्दू के दूसरे लेखक हैं जिन पर कोई फीचर फिल्म बन रही है। दिल्ली के प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं निर्देशक आरएस विकल उन पर सवा दो घंटे की फिल्म बना रहे हैं। विकल ने बताया कि 11 मई 1912 को लुधियाना जिले के समराला में एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में जन्मे मंटो की जीवन पर ‘मंटो जिन्दा है’ नामक फिल्म बनाने के लिए उन्होंने करीब एक सौ बीस पृष्ठ की पटकथा तैयार कर ली है। उन्होंने बताया कि मंटो का चरित्र निभाने के लिए पाकिस्तानी अभिनेताओं से बात चल रही है। इस फिल्म में मंटो की पत्नी सफिया के अलावा दिवंगत अभिनेता अशोक कुमार, मशहूर गायिका  नूरजहां, सुप्रसिद्ध अभिनेत्री नर्गिस, प्रख्यात नृत्यांगना  सितारा देवी और बीते ज़माने के चर्चित अभिनेता श्याम समेत दस चरित्र होंगे, जिनसे  मंटो के करीबी  रिश्ते रहे। मंटों ने अपनी मशहूर किताब मीना बाज़ार (Meena Bazar) में अशोक कुमार, नर्गिस, श्याम और सितारा देवी के बारे में यादगार संस्मरण लिखा है।

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